नाम - परमात्मा का नाम जिह्वा के द्वारा उच्चारण में आने वाला नहीं .जबकि सारे वर्ण उच्चारण में आते हैं . वह नाम ध्वनात्मक रूप वाला प्राण में निवास करता है जिससे वाणी आदि उत्पन्न हुयी . हम सारे नाम जानते हैं . राम ,कृष्ण , ईश्वर , खुदा ,गाड , बुद्ध ,परमात्मा , भगवान आदि को ही उस परमब्रह्मपरमेश्वर का नाम समझते हैं .
ब्रह्म राम ते नाम बङि , वरदायक वर दान .
राम चरित सत कोट मह , लिय महेश जिय जान . यह जो परमात्मा का नाम है वह राम से बङा तथा ब्रह्मा से भी श्रेष्ठ है .
इससे यह सिद्ध होता है कि नाम कोई और है जो राम अक्षरों से भी विलक्षण है क्योंकि नाम के ही प्रभाव से राम के चरित्र को शिवजी ने सतकोट में ही जान लिया है . ऐसा वह नाम सबका वरदान तथा वरदाता है . ऐसा वह प्रभावशाली परमात्मा का नाम है .
जासु नाम सुमरति एक बारा , उतरहिं नर भव सिन्धु अपारा . राम नाम मनि दीप धरु , तुलसी भीतर बाहिरहु जो चाहिय उजियार . जीभ के आखिरी सिरे रखकर यानी प्राण के ध्वनात्मक नाम का दहलीज पर रखकर ध्यान करें तो अन्दर बाहर दोनों और उजाला हो जायेगा . ऐसा वह नाम गुण वाला है .
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- mukta mandla
- Agra, uttar pradesh, India
- भारत के राज्य उत्तर प्रदेश के फ़िरोजाबाद जिले में जसराना तहसील के एक गांव नगला भादौं में श्री शिवानन्द जी महाराज परमहँस का ‘चिन्ताहरण मुक्तमंडल आश्रम’ के नाम से आश्रम है। जहाँ लगभग गत दस वर्षों से सहज योग का शीघ्र प्रभावी और अनुभूतिदायक ‘सुरति शब्द योग’ हँसदीक्षा के उपरान्त कराया, सिखाया जाता है। परिपक्व साधकों को सारशब्द और निःअक्षर ज्ञान का भी अभ्यास कराया जाता है, और विधिवत दीक्षा दी जाती है। यदि कोई साधक इस क्षेत्र में उन्नति का इच्छुक है, तो वह आश्रम पर सम्पर्क कर सकता है।
2 टिप्पणियां:
jhibh ke akhari sire par rakhkar ka kya matlab hua
ये दीक्षित लोगों को बताने की बात है आपके अन्दर
उस दिव्य नाम की गूँज हो रही है जो विशेष ग्यान
द्वारा जाग्रत कर दी जाती है और अलौकिक से
जुङकर आप अलौकिक अनुभव करतें हैं..कृपया
बेनामी न रहकर मुझे ब्लाग पर लिखे फ़ोन न.
पर या golu224@yahoo.com पर सम्पर्क करें
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