गुरुवार, मार्च 11, 2010

उस मुलाकात से मेरा पूरा जीवन बदल गया


मेरा नाम राधारमण है.मैं बहुत समय से ज्ञान की तलाश मैं भटक रहा था .इस के लिए मैंने कई योग धर्म ज्ञान ध्यान की किताबों का सहारा लिया .तथा मैंने कई धार्मिक गुरुओं का सत्संग भी सुना .मैंने आशाराम बापू से दीक्षा भी ली थी .बर्फानी बाबा का सत्संग भी लिया तथा कुछ समय भी उन के साथ गुजारा परन्तु मुझे लगा ki मेरी तलाश पूरी नहीं हो पारही है.उन्ही दिनों मेरे घर के पास राजीव भाई जो के अब मेरे गुरु भाई भी हैं.रहने के लिए आये .एक दिन जब मैं धुप मैं खड़ा था राजीव जी से मेरी पहली मुलाकात हुई.उस मुलाकात से मेरा पूरा जीवन बदल गया .दरअसल मेरी तरह राजीव भाई को अलोकिक ज्ञान के बारे मैं बहुत दिलचस्पी तथी .और उन्हें शास्त्रों वेड पुरानो और गीता रामायण का अछ्छा ज्ञान था .हमारी दिलचस्पी एक जैसी होने के कारन हमारी घंटों बातचीत होने लगी .उसी बात्चित्त मीन मुझे परमात्मा के गुप्त नाम का पता चला .जिस गुप्त नाम ?? के बारे मैं बहुत से धार्मिक ग्रिन्ठो मीन कहा तो गया है लेकिन उसको खोला नहीं गया है .तब ही मुझे परमपूज्य गुरुदेव श्री शिवानन्द जी महाराज परमहंस के बारे मैं पता चला .मेरी मा भी राजीव जी के पास सत्संग सुनती थी.उस समय तक हम लोंगों ने श्री महाराज जी के दर्शन नहीं किये थे। मेरी माँ को उनके दर्शन की बहुत इछ्छा थी.जैसे ही उनको ये विचार आया उसी रात जब माजी प्रभु का भजन कर रही थी उन्हें श्री महाराज जी के दर्शन हुए .मेरे लिए ये बहुत आशरी की बात थी .मुझे महाराज जी के साकार दर्शन की इछ्छा होने लगी .पर महाराज जी उस समय किसी अज्ञात स्थान पर थे.मेरे गुरुभाई राजीव जी ने उन्हें जल्द से जल्द मिलाने का वादा कीया । मई उस घडी की बेचईनी से प्रतीक्षा कर रहा था जब श्री गुरु महाराज जी के दर्शन होंगे । साथ ही मुझे वो गुप्त नाम जानने की बहुत इक्षा हो रही थी ??.जो प्रभु के दर्शन करवाने का एकमात्र नाम होता है.मेरी ये अभीलाषा दो महीने बाद पूरी हुई.

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मेरी फ़ोटो
Agra, uttar pradesh, India
भारत के राज्य उत्तर प्रदेश के फ़िरोजाबाद जिले में जसराना तहसील के एक गांव नगला भादौं में श्री शिवानन्द जी महाराज परमहँस का ‘चिन्ताहरण मुक्तमंडल आश्रम’ के नाम से आश्रम है। जहाँ लगभग गत दस वर्षों से सहज योग का शीघ्र प्रभावी और अनुभूतिदायक ‘सुरति शब्द योग’ हँसदीक्षा के उपरान्त कराया, सिखाया जाता है। परिपक्व साधकों को सारशब्द और निःअक्षर ज्ञान का भी अभ्यास कराया जाता है, और विधिवत दीक्षा दी जाती है। यदि कोई साधक इस क्षेत्र में उन्नति का इच्छुक है, तो वह आश्रम पर सम्पर्क कर सकता है।